प्रयागराज ने एक बार फिर देशभर में अपनी पहचान कायम कर ली है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 की ताजा रिपोर्ट में प्रयागराज को गंगा टाउन श्रेणी में पूरे भारत में पहला स्थान मिला है। यह उपलब्धि सिर्फ एक सफाई अभियान की जीत नहीं है, बल्कि प्रयागराज के लोगों की सामूहिक जागरुकता और नगर निगम की मेहनत एवं बेहतर प्रशासनिक कामकाज की पहचान है। इस बड़ी उपलब्धि के लिए प्रयागराज के महापौर गणेश केसरवानी को राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मानित किया गया है।
महाकुंभ 2025: सफाई तैयारियों ने लूटी देशभर की वाहवाही
महाकुंभ 2025 जैसे ऐतिहासिक आयोजन को देखते हुए, नगर निगम टीम ने सफाई, कचरा प्रबंधन, रिसाइक्लिंग और जन सहयोग पर खास ज़ोर दिया। इसकी वजह से प्रयागराज को Garbage Free City की श्रेणी में 5-Star रेटिंग मिल गई, जबकि पिछले वर्ष सिर्फ 1-Star थी। यह सफलता प्रयागराज में केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि शहरी व्यवस्था, विकास और नवाचार की नई मिसाल भी बन गई है। वाराणसी जैसे बड़े धार्मिक नगरों को पीछे छोड़कर, प्रयागराज ने खुद को एक आदर्श सफाई मॉडल के तौर पर स्थापित किया है।
स्वच्छता रैंकिंग में ऐतिहासिक छलांग और जनता का उत्साह
गत वर्ष प्रयागराज का ऑल इंडिया रैंकिंग में 71वां स्थान था, जबकि इस वर्ष शहर सीधे 12वीं रैंक पर पहुंच गया। गंगा टाउन कैटेगरी में प्रयागराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी पछाड़ दिया, जो प्रशासन की कुशलता और नागरिकों की सहभागिता की बड़ी मिसाल है। सम्मान की खबर आते ही नगर निगम कार्यालय सहित पूरे शहर में उत्सव और गर्व का माहौल बन गया। महापौर गणेश केसरवानी, नगर आयुक्त सीलम साई तेजा, अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव, पार्षदगण और सफाई मित्रों ने मिलकर इस उपलब्धि का उत्सव मनाया और इसे पूरे प्रयागराजवासियों की जीत बताया।
राष्ट्रपति सम्मान के साथ प्रयागराज ने रचा इतिहास
नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में महापौर गणेश केसरवानी को राष्ट्रपति द्वारा देश के सबसे स्वच्छ गंगा टाउन का अवॉर्ड सौंपा गया। महापौर ने अपने संदेश में जनता को संबोधित करते हुए कहा, “यह सम्मान हर प्रयागराजवासी का है। हमने प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को जमीनी स्तर पर अमल किया है और हमारा लक्ष्य अब सबसे स्वच्छ शहर बनना और हमेशा बने रहना है।” प्रयागराज ने साफ कर दिया कि आज उसका नाम सिर्फ़ आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि स्वच्छता और प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए भी देश में सबसे ऊपर है। यह उपलब्धि प्रेरणादायक है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत मिसाल भी।